हातिम दो चार कदम ही चला था कि दर्द के मारे पांव लड़खड़ाए। लाचार होकर एक दरख्त के नीचे लड़खडाने लगा। वहां एक गीदड़ रहता था लेकिन उस वक्त वह अपनी मादा के साथ खुराक की खोज में कहीं गया था। दो चार घड़ी के बाद वह वापस आया और हातिम को अपनी जगह पर तड़पते पाया तो मादा ने उससे पूछा कि यह आदमजाद कौन है और कहां से आया है ? अब इस मुकाम को छोड़ देना चाहिए क्योंकि गैर जिन्स से मुवाफकत किस तरह हो और सुहरत कब बने।
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