किताब के बारे में
यह शौर्य गाथा, छत्तीसगढ़ की महान वीरांगना "बिलासा" देवी (माता) को समर्पित है। उन्होंने सदा अपने जीवन को शौर्य, कर्तव्यनिष्ठा, वीरता एवं स्वाभिमान से बिताया है, तथा हमें भी इन भावों की शिक्षा प्रदान की है। उन्होंने एक कुशल पत्नी, कुशल गृहिणी, एक कुशल योद्धा एवं कुशल पुत्री का जीवन निर्वहन किया है, जो इस आधुनिक समाज के लिए एक महान उदाहरण, प्रस्तुत करता ।
लेखिका के बारे में
नेहा सिंह राजपूत ने मनोविज्ञान में स्नातक (बीए) और मनोविज्ञान में ही स्नातकोत्तर (एम.ए) की डिग्री प्राप्त की है, ये महिलाओं की सोच और समाज में बदलाव लाने का ज़ज़्बा रखती हैं, जो इनकी लेखनी में स्पष्ट देखने को मिलता है, ये इस बात को प्रमाणित करती हैं कि,...