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Title details for मैं मैं ही रहा by 'KAILASHI' PUNIT SHARMA - Available

मैं मैं ही रहा

ebook

जिंदगी के अहसासों को पिरोती कविताएँ : 'मैं मैं ही रहा'


श्री पुनीत शर्मा का दूसरा हिंदी काव्य संग्रह 'मैं मैं ही रहा' ज़िन्दगी के अहसासों तथा सच्चाई से रू-ब-रू कराता है। इसमें संकलित कविताएं हमारे जीवन के व्यापक अनुभवों और पहलुओं को समेटे हुए हैं। व्यक्ति जब भीड़ का हिस्सा बनता है या भीड़ में खोने लगता है, तब वह बेचैन होने लगता है, अपने वजूद की तलाश में जुट जाता है और तभी उसे अपने होने का बोध होता है। तभी बृहदारण्यक उपनिषद के महावाक्य 'अहम् ब्रह्मास्मि' का जयघोष होता है, तभी कोई लीक से हटकर राह पकड़ता है।


संकलन की कविताओं में हमारे समय तथा जीवन के विविध दृश्य हैं और सबसे खास बात है कि कवि ने स्वयं को इसमें निरपेक्ष माना है। वस्तुतः आज के दौर में...

Formats

  • OverDrive Read
  • EPUB ebook

Languages

  • Hindi